जिस व्यापारी या कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 40 लाख से ऊपर है ( सेवा एवं कुछ विशेष श्रेणी को 20 लाख ) उनको गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के अंतर्गत अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन करना जरुरी है , और रेजिस्ट्रेशन करने के पश्चात जी यस टी के रिटर्न भी भरना जरुरी है । वैसे जी यस टी में कुल 13 प्रकार के रिटर्न है । तो क्या आपको सभी रिटर्न भरने जरुरी है ? नहीं , क्योकि ये सभी रिटर्न व्यवसाय के श्रेणी के आधार पर वर्गीकृत किये गए है , सभी व्यापारी को प्रत्येक माह या प्रत्येक तिमाही में रिटर्न भरना जरुरी है और साथ ही एक रिटर्न वार्षिकी भी भरी जाती है । जिन व्यापारियों का वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ से ऊपर है उन व्यापारियों को प्रत्येक माह दो रिटर्न भरना पड़ता है और साथ ही एक वार्षिक रिटर्न भरना पड़ेगा , इस तरह उन व्यापारियों को सालाना 25 रिटर्न भरना पड़ता है , और जिन व्यापारियों की वार्षिक टर्नओवर रुपया 5 करोड़ से कम है उन व्यापारियों को तिमाही रिटर्न भरने की सहूलियत दी गई है , इस तरह तिमाही रिटर्न भरने वाले व्यापारी को सालाना 9 रिटर्न भरना पड़ेगा । तो आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे की जी यस टी के रिटर्न कौन – कौन...
आजकल ज्यादातर कम्पनियाँ बिलो के भुगतान मे देरी पर ब्याज वसुलते है , व्यक्तिगत लोन पर भी हमे ब्याज देना पड़ता है, इस तरह हमे बहुतायत लेनदेन पर ब्याज की गणना करनी पडती है।अलग-अलग व्यापारी के साथ व्यवसायिक डील के आधार पर अलग-अलग ब्याज की गणना करना पडता है, इस तरह आज ब्याज की गणना काफी जटिल कार्य हो चुका है। लेकिन जब आप टैली प्राइम मे इस प्रक्रिया को करते है, तो यह काफी आसान प्रतीत होता है। सिर्फ एक बार टैली मास्टर मे सेटिंग करना पडता है फिर, जब भी आपको ब्याज की गणना करना हो, टैलीप्राइम सिर्फ एक क्लिक पर ब्याज की गणना कर देगा। एक बार सेटिंग करने के पश्चात यह एक स्वचालित प्रकिया हो जाता है , और आप किसी भी खाते का, खातो के समुह का, बैंक का, ऋण खाते का ब्याज की गणना आसानी से कर सकते है। Tally में हम ब्याज की गरणा बिलो के भुगतान में देरी होने पर किया जाता है , सामान्यतः जब हम बिक्री इनवॉइस बनाते है तो उस इनवॉइस पर एक वाक्य लिखते है - Interest will be applicable after due date @10%. इस तरह जब हम कोई इनवॉइस किसी को जारी करते है तो इसका अर्थ यह की यदि हमें निर्धारित त...