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भारत में जमीन या मकान खरीदने के नियम (Rules of purchasing a house in India)

भारत में जमीन या मकान खरीदने के नियम, प्रक्रिया और पूरी होने का समय रोटी, कपड़ और मकान  , यही तीन मुल भुत सुविधाए है  , जो हर मनुष्य की आवश्यक्ता है।  भारत में जमीन या मकान खरीदना एक बड़ा फैसला होता है। इस प्रक्रिया में कई कानूनी और प्रक्रियात्मक पहलू शामिल होते हैं। भारत में जमीन या मकान खरीदने के नियम:  * कानूनी जांच :  खरीदने से पहले जमीन के कागजातों की पूरी तरह से जांच कर लें। यह सुनिश्चित करें कि जमीन पर किसी तरह का विवाद न हो। 1. संपत्ति के दस्तावेज:  सुनिश्चित करें कि संपत्ति के सभी दस्तावेज मूल और वैध हों।   2. मालिकाना हक:  यह जांचें कि विक्रेता के पास संपत्ति पर पूर्ण मालिकाना हक है।   3. कोई विवाद नहीं:  सुनिश्चित करें कि संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद न हो।  * नगर निगम के नियम :  निर्माण और उपयोग के लिए नगर निगम के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।  * समाज सेवा कर:  संपत्ति के मूल्य के आधार पर आपको स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होगा।  * अन्य अनुमतियाँ:  कुछ मामलों में, आपको पर्यावरण मंत्रालय या अन्य सरकारी विभागों से अनुमति लेनी पड़ सकती है। भारत में जमीन या मकान खरीद
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वर्ड-ऑफ़-माउथ मार्केटिंग (WOM) क्या है?( word of mouth Marketing)

Word of Mouth Marketing एक ऐसी मार्केटिंग रणनीति है, जिसमें ग्राहक किसी उत्पाद या सेवा के बारे में अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करते हैं। यह एक मुफ्त और अक्सर प्रभावशाली तरीका होता है,  जिसके ज़रिए लोग किसी उत्पाद या ब्रांड के बारे में जानते हैं और उस पर विश्वास करते हैं। यह दुनिया का सबसे पुराना मार्केटिंग का तरीका है,  और आज तक बरकरार है ।  सरल शब्दों में: जब आप किसी रेस्तरां में गए और खाना बहुत पसंद आया, तो आपने अपने दोस्तों को इसके बारे में बताया। यही वर्ड-ऑफ़-माउथ मार्केटिंग है। आपने MLM अर्थात Multi Level Marketing का नाम सुना होगा,  वे अपनी मार्केटिंग के लिए सिर्फ वर्ड ऑफ माउथ मार्केटिंग का इस्तेमाल करते हैं।  क्यों है WOM मार्केटिंग महत्वपूर्ण?  * विश्वसनीयता: लोगों को दोस्तों और परिवार के सुझावों पर अधिक भरोसा होता है। क्योंकि वो यह विश्वास करते है कि मेरा अपना दोस्त या रिश्तेदार कभी भी गलत सलाह नहीं देंगे.   * पहुंच: सोशल मीडिया और इंटरनेट के ज़रिए WOM तेजी से फैलता है। क्योंकि अब सभी लोग सोशल मीडिया पर हर बात शेयर कर रहे है, और Product के लिंक भी शेयर कर रहे है   , फिर

बेहतर सिबिल स्कोर कैसे करें ( How to maintain good Cibil Score )

बैंक से लोन लेने के लिए सिविल स्कोर  अच्छा होना जरूरी है |इस से ही जुड़ी है सिबिल रिपोर्ट और क्रेडिट रेटिंग| आइए जानते हैं किस तरह सिबिल स्कोर  और रिपोर्ट्स अच्छी रख सकते हैं| क्रेडिट रिपोर्ट में कई पैमानों पर ऋण लेने वालों को जांचा जाता है, इसमें सबसे जरूरी व्यक्ति के लोन चुकाने के ट्रेड की जानकारी है | अगर व्यक्ति पुराने लोन का ईमानदारी से भुगतान करता हुआ आया है तो बैंक भी उसे नया लोन देने में दिलचस्पी दिखाती है| भारत में मुख्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है-  1-सिबिल  (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) अर्थात सिबिल - यह एक ऐसी संस्था है जो बैंको को , संस्थाओं को और आम व्यक्तियों की लोन लेने की क्षमता की जांच करती है और उसके आधार पर क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट जारी करती है| लोन और क्रेडिट कार्ड से संबंधित भुगतान के रिकॉर्ड बैंकों द्वारा हर महीने सिबिल के पास जमा किए जाते हैं और यही जानकारी किसी भी व्यक्ति के सिबिल स्कोर  का आधार बनती है| इसमें आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की पूरी जानकारी होती है |इसमें क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट, उनके पेमेंट का स्टेटस और उन्हें चुकाने

Income Tax Section 194 C (धारा 194सी की सम्पूर्ण  जानकारी हिंदी में)

 भारत में, आयकर अधिनियम विभिन्न भुगतानों पर स्रोत पर कटौती (टीडीएस) का mandate देता है। Income Tax Section 194 C विशेष रूप से ठेकेदारों और सब-ठेकेदारों को किए गए भुगतानों पर लागू टीडीएस से संबंधित है। यह ब्लॉग व्यवसायों और ऐसे भुगतान करने वाले व्यक्तियों के लिए धारा 194C के प्रावधानों को समझने का एक प्रयास है। धारा 194C के तहत किसे टीडीएस कटौती करनी चाहिए? धारा 194C के तहत टीडीएस कटौती की सीमा क्या है? धारा 194C के तहत टीडीएस कटौती की दर क्या है? क्या धारा 194C के तहत टीडीएस से कोई छूट है? क्या होगा अगर ठेकेदार के पास पैन कार्ड नहीं है? याद रखें: धारा 194Q के अंतर्गत आने वाली सेवाएं - धारा 194C के तहत किसे टीडीएस कटौती करनी चाहिए? Income Tax Act 1961 के Income Tax Section 194 C के अनुसार, कोई भी व्यक्ति (भुगतानकर्ता) जो ठेकेदारों या उप-ठेकेदारों को निर्दिष्ट कार्य के लिए भुगतान करता है, वह भुगतान सीमा ( Threshold Limit) पार हो जाने पर टीडीएस काटने के लिए जिम्मेदार होता है। यह व्यवसायों, संगठनों और यहां तक कि व्यक्तियों पर भी लागू होता है। धारा 194C के तहत निम्न को टीडीए

फिनटेक कंपनी किसे कह्ते है ( FINTECH COMPANY)

आज के दौर मे मोबाइल के द्वारा हम विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकते है, तमाम तरह के बिल भुगतान से लेकर कर्ज की सुविधा तक। ये सारी सुविधाए हमे दिलाती है - फिनटेक कम्पनी फिनटेक यानी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी। ये ऐसी कंपनियां हैं जो पारंपरिक वित्तीय सेवाओं में तकनीक अर्थार्थ इन्टरनेट , मोबाइल व अन्य साफ्टवेयर का इस्तेमाल करके उन्हें ज्यादा आसान, तेज़ और किफायती बनाती हैं। फिनटेक कम्पनीयो के उत्पाद और सेवाओ का दायरा दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है , यही कारण है कि आज देश मे 9000 से ज्यादा फिनटेक कम्पनियाँ मौजूद है। उदाहरण के लिए:  * डिजिटल पेमेंट्स: Google Pay, PhonePe  * ऑनलाइन लोन: कई स्टार्टअप्स  * वित्तीय सलाहकार ऐप्स: कई निवेश ऐप्स फिनटेक कंपनी कैसे बनी?  * आइडिया:  एक ऐसा वित्तीय समस्या का हल ढूंढना जिसके लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा सके।  * टीम:  डेवलपर्स, डिजाइनर्स, बिजनेस स्ट्रेटजी एक्सपर्ट्स इकट्ठा करना।  * फंडिंग:  एंजल्स, वेंचर कैपिटलिस्ट्स या खुद का पैसा लगाकर।  * प्रोडक्ट डेवलपमेंट:  आइडिया को एक काम करने वाले प्रोडक्ट में बदलना।  * लॉन्च:  मार्केट में प्रोडक्ट लाना और यूजर्स को आकर्षि

पैसा कैसे कमाए ( How to Earn money)

पैसा जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें अपनी जरूरतों और चाहतों को पूरा करने में मदद करता है। चाहे वह खाने-पीने की चीजें खरीदना हो, घर का किराया देना हो, या फिर अपनी शिक्षा पूरी करना हो, पैसे की जरूरत हर किसी को होती है। अगर आप के पास पैसा है, तो आपके पास सभी रिस्तेदार है, सारे रिश्ते आज के समय मे धन के तराजु पर तौलने के बाद मजबूत या कमज़ोर होते है। आपने मेरे पिछले लेख-  हम आर्थिक रूप से स्वतंत्र कैसे हो (Financial Freedom)  मे पढा कि पैसे को कैसे इस्तेमाल करे,  जिससे हम न सिर्फ अमीर बने व आर्थिक स्वतंत्रा भी हासिल करे। हमे हमारा उद्देश्य पता होना चाहिए कि हम जो भी अर्जित कर रहे है, क्या वह हमारे उद्देश्य को पूर्ण करने मे सक्षम है?, इसलिए हम सबसे पहले अपने पैसे कमाने के उद्देश्य का पता करते है- पैसा क्यों कमाना चाहिए?  * आत्मनिर्भरता:  पैसे कमाने से आप आत्मनिर्भर बनते हैं और दूसरों पर निर्भर नहीं रहते। आप अपनी आवस्यकताओ की पूर्ती करते हुए आजादी से रह सकते है।  * सुरक्षा:  पैसे से आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं। अपने घर पर सीसी टीवी कैमरे लगा सकते है, सुरक्षा गार्ड र

एकाउंटेंट कैसे बने ( Accountant kaise bane)

एकाउंटेंट बनने के लिए आपको कुछ खास योग्यताएं और कौशल हासिल करने होंगे। यहां एक विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है: 1. एकाउंटेंट के लिए शिक्षा -  * 12वीं कक्षा: कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी है। हालांकि, अन्य स्ट्रीम से भी आप अकाउंटेंट बन सकते हैं लेकिन आपको कुछ अतिरिक्त कोर्स करने पड़ सकते हैं।  * स्नातक की डिग्री: कॉमर्स, अकाउंटेंसी, या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री होना बेहतर होता है। यह आपको अकाउंटिंग के बुनियादी सिद्धांतों और अवधारणाओं को समझने में मदद करेगा। वैसे देखा जाए तो एकाउंटिंग का कार्य अब एक कौशल के रूप मे देखा जाता है, आप के पास डीग्री के साथ कार्य का अनुभव भी होना नितांत आवश्यक है,  यह एक निरन्तर सिखने की प्रकिया है, जो कभी पूर्ण नही होती।  एकाउंटेंट की कार्य प्रणाली जानने के लिए क्लिक कीजिए- अकाउंटेंट और एकाउंटेंसी एकाउंटेंट का कार्य अब काफी विस्तृत हो चुका है, इसलिए समय की मांग के अनुसार अब इसके लिए कई प्रोफेशनल कोर्स भी किये जाते है।  इसके लिए जो प्रमुख प्रोफेशनल कोर्स है वो निम्न है-  एक एकाउंटेंट के लिए प्रोफेशनल कोर्स:    * चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)