आयकर विभाग ने हाल में इनकम टैक्स पोर्टल पर एक नई एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट की सुविधा शुरू की है यह वित्तीय लेन देन का लेखा जोखा है. एआईएस में कर दाता के नाम पर यदि कोई ऐसा लेनदेन दिखाया जा रहा है जो उसने किया ही नहीं तो फीडबैक के जरिए वह पोर्टल पर सुधार करवा सकता है. एआईएस में उन सभी लेनदेन की जानकारी होती है जो अलग-अलग संस्थाएं टैक्स विभाग को एनुअल फाइनेंसियल स्टेटमेंट के तहत रिपोर्ट करने के लिए बाध्य हैं इनमें बैंक, आरटीओ, विदेशी मुद्रा में लेनदेन, रजिस्ट्रेशन ,ऑफिस स्टॉक एक्सचेंज , म्यूच्यूअल फंड कंपनियों द्वारा जारी शेयर डिवेंचर और अन्य एनटीटी आती है , जिन्हें स्त्रोत टैक्स कलेक्ट करना जरूरी है. असल में आयकर विभाग टैक्स चोरी रोकना चाहता है इसलिए वह फाइलिंग प्रक्रिया को और पारदर्शी और लचीला बना रहा है। काले धन का लेनदेन करने वाले के लिए चिंता की बात जरूर है लेकिन इमानदार करदाता के लिए चिंता की कोई बात नहीं है. आईएस के 2 हिस्से होते हैं पहला हिस्सा टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी कहलाता है यह सभी वित्तीय लेनदेन की श्रेणी वार को राशि की जानकारी देता है. दूसरा हिस्सा एनुअल इंफॉर्मेशन