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पार्टनरशिप फर्म क्या होता है (what is a Partnership firm)

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एक छोटे या मध्यम स्तर के व्यवसाय को चलाने के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच किसी लिखित एग्रीमेंट के तहत स्थापित व्यवसाय को हम पार्टनरशिप फर्म कहते है , इस तरह के व्यवसाय को सभी पार्टनर के द्वारा साझा में चलाया जाता है , और इसके लाभ और हानि को एग्रीमेंट के आधार पर आपस में बॅटवारा किया जाता है।  पार्टनर कौन बन सकता है? हम यह जानते है कि दो व्यक्ति आपसी एग्रीमेंट के द्वारा एक फर्म मे पार्टनर बन सकते है।  लेकिन कानून के अनुसार दो Legal Entities भी अर्थार्थ कानूनी संस्थाए भी मिलकर पार्टनर बन सकते है, जैसे एक कम्पनी पार्टनर बन सकती है, दो कम्पनी मिल कर पार्टनर शीप फर्म चला सकते है।  एक फर्म मे अधिकतम कितने पार्टनर बन सकते है? अगर फर्म Non Banking Firm है तो वहाॅ पर आप अधिकतम 20 पार्टनर बना सकते है और बैंकिंग फर्म मे आप अधिकतम 10 पार्टनर बना सकते है।  पार्टनरशिप फर्म का रजिस्ट्रेशन- पार्टनरशिप फर्म भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 के अंतर्गत नियन्त्रित और विनियमित ( Governs and Regulates) होती है। एक साझेदारी फर्म में जितने भी साझेदार होते है उनको हम भागीदार (PARTNER) क...

एकाउंटिंग फिल्ड मे कैरियर( Accountant kaise bane)

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यदि आपकी रुचि कामर्स विषय मे है , और आप इस फील्ड मे कैरियर बनाना चाहते है  , तो यह लेख आपके लिए है। वैसे केरियर के लिहाज से इस क्षेत्र मे अपार संभावना है।  केरियर के हिसाब से इस फील्ड मे सबसे पहले आता है, एकाउंटेंट बनना । Accountant व्यवसाय का वह धूरी होता हैं, जिसपर से गुजर कर व्यवसाय का हर कार्य होता है।  और यह एक ऐसा कार्य है जिसका कार्य क्षेत्र समस्त विश्व है, आज के समय मे आप घर बैठे दुनिया के किसी भी भाग का एकाउंट्स का कार्य आप कही से भी कर सकते है।  अकाउंटेंट कैसे बनें: आपके लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका ( How to be an Accountant) अकाउंटेंट बनना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन पुरस्कृत करियर विकल्प हो सकता है। यह भूमिका किसी भी संगठन की रीढ़ मानी जाती है क्योंकि यह वित्तीय स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है। Accountant व्यवसाय का वह धूरी होता हैं, जिसके यहाँ से गुजर कर व्यवसाय का प्रत्येक कार्य होता है, और वह इन सब का डाटा रखता है, उसका निष्कर्ष निकाल कर, व्यवसाय प्रबंधक के सामने व्यवसाय की वर्तमान स्थिति का विवरण दरशाता है। और उक्त डाटा के आधार पर व्यवसाय के भवि...

मोबाइल से निः शुल्क इनवॉइस कैसे बनाये ? (Make invoice using mobile)

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आज के दौर में प्रत्येक कस्टमर खरीदारी करने के पश्चात दुकानदार से इनवॉइस की मांग करता है , बड़े दुकानदार अपने स्टोर में कंप्यूटर से आसानी से इनवॉइस बना कर कस्टमर को दे देते है , पर छोटे दुकानदारों के पास कंप्यूटर नहीं होने के कारण इनवॉइस जारी करने में असमर्थ होते है , इस कारण वो हाथ से लिखा हुआ इनवॉइस कस्टमर को देते है , जिसके कारण कई मानवीय गलतियों की सम्भावना बनी रहती है , दूसरे अपने रोज के कारोबार का , कस्टमर का डाटा रखने के लिए दुकानदार को और समय देना पड़ता है , फिर भी प्रॉपर एकाउंटिंग नहीं हो पाती है।  इसके कारण हर दुकानदार , सेवाकर्ता यह सोचता है कि काश कोई ऐसा एप्प हो जिससे वह मोबाईल से ही इनवॉइस भी बना ले और साथ ही साथ उसकी एकाउंटिंग भी हो जाय।  इन समस्याओं को देखते हुए Vyapar App ने अपना मोबाइल वर्जन लांच किया है आप इसे मोबाइल के साथ ही कंप्यूटर पर भी चला सकते है।  और इसमें फीचर भी इतने है , जो की आपको महंगे कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में भी नहीं मिलेंगे।  यदि आप भी अपने कस्टमर की एकाउंटिंग मोबाइल पर रखना चाहते है और उनका इनवॉइस मोबाइल से बनाना चाहते है तो एक बार व...

स्वास्थ्य बीमा पोर्टेबिलिटी कैसे होता है। ( Health Insurance Portability)

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स्वास्थ्य बीमा पोर्टेबिलिटी का मतलब है कि आप अपनी मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को बिना किसी लाभ के नुकसान के एक बीमा कंपनी से दूसरी बीमा कंपनी में स्थानांतरित कर सकते हैं। इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा ने वर्ष 2011 से स्वास्थ बीमा खरीदारों को पोर्टेबिलिटी के अधिकार दिए हुए है। इस अधिकार के द्वारा बीमा धारक व्यक्ति अपनी मौजूदा इन्स्योरेन्स कंपनी से किसी दूसरी इन्स्योरेन्स कंपनी में अपनी पालिसी स्विच कर सकते है।  इंस्युरेन्स पोर्टेबिलिटी के लिए कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं देना होता है , साथ ही साथ पुरानी पालिसी के फायदों का कोई नुकसान भी नहीं होता है।  पिछली पॉलिसी  में मिले मौजूदा बीमारियों के वेटिंग पीरियड को ही आगे बढ़ाया जाता है , और आपको मिलने वाली समस्त सुविधाएं मिलती रहेंगी।  कैसे करें पोर्टेबिलिटी?  * 45 दिन पहले प्रक्रिया शुरू करे  : अपनी मौजूदा बीमा कंपनी को नवीनीकरण की तारीख से कम से कम 45 दिन पहले पोर्टेबिलिटी के लिए सूचित करें। इरडा के नियमो के मुताबिक यह जरुरी है की पॉलिसी रिन्यू होने की तारीख से 45 दिन पहले पोर्टेबिलिटी की प्रक्रिया शुरू हो , नई कंपनी...

जी यस टी रिटर्न क्या है ? कितने प्रकार के है ? ( What is GST Return, Types of GST Return)

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जिस व्यापारी या कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 40 लाख से ऊपर है ( सेवा एवं कुछ विशेष श्रेणी को 20 लाख ) उनको गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के अंतर्गत अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन करना जरुरी है , और रेजिस्ट्रेशन करने के पश्चात जी यस टी के रिटर्न भी भरना जरुरी है । वैसे जी यस टी में कुल 13 प्रकार के रिटर्न है । तो क्या आपको सभी रिटर्न भरने जरुरी है ? नहीं , क्योकि ये सभी रिटर्न व्यवसाय के श्रेणी के आधार पर वर्गीकृत किये गए है , सभी व्यापारी को प्रत्येक माह या प्रत्येक तिमाही में रिटर्न भरना जरुरी है और साथ ही एक रिटर्न वार्षिकी भी भरी जाती है । जिन व्यापारियों का वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ से ऊपर है उन व्यापारियों को प्रत्येक माह दो रिटर्न भरना पड़ता है और साथ ही एक वार्षिक रिटर्न भरना पड़ेगा , इस तरह उन व्यापारियों को सालाना 25 रिटर्न भरना पड़ता है , और जिन व्यापारियों की वार्षिक टर्नओवर रुपया 5 करोड़ से कम है उन व्यापारियों को तिमाही रिटर्न भरने की सहूलियत दी गई है , इस तरह तिमाही रिटर्न भरने वाले व्यापारी को सालाना 9 रिटर्न भरना पड़ेगा । तो आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे की जी यस टी के रिटर्न कौन – कौन...