भारत में इनकम टैक्स बचाने के 10 आसान तरीके (Income Tax Saving Tips)
भारत में, टैक्स देना हर नागरिक का कर्तव्य है। लेकिन, सरकार द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न कटौती और छूट का लाभ उठाकर आप अपनी कर देनदारी को कम कर सकते हैं।
भारत सरकार आपके ऊपर टैक्स तो लगा रही है , लेकिन साथ ही साथ आपको बचत करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है , इसी प्रोत्साहन और निवेश को बढ़ावा देने के लिए आय कर विभाग ने कुछ आसान रास्ते आपके लिए बनाये है , उन रास्तो पर चल कर हम अपने लिए कर की बचत कर सकते है , और भविष्य की जरुरत के लिए निवेश कर सकते है ।
यहाँ भारत में इनकम टैक्स बचाने के 10 आसान तरीके दिए गए हैं:
धारा 80C के तहत कटौती का लाभ उठाएं
यह धारा आपको विभिन्न प्रकार के निवेशों और खर्चों पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती प्रदान करती है। इसमें शामिल हैं:
1- ईपीएफ (EPF) में योगदान
आप अपने वेतन से काटे गए ईपीएफ में किए गए योगदान पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं। आप हर साल इसमे जमा हुयी रकम पर धारा 80C के अंतर्गत अधिकतम 1,50,000 रुपए तक के निवेश पर इनकम टैक्स मे छुट ले सकते है।
और इसमे जो भी ब्याज आप कमाते है, वह रु 2,50,000 तक आय कर मे छूट के दायरे मे आता है।
और कुछ शर्तो के साथ आपके एम्प्लायर का योगदान भी आय कर के छूट के दायरे मे आता है।
2- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में जमा
पीपीएफ टैक्स बचाने के लिए सबसे अच्छी सरकारी निवेश स्कीम माना जाता है , इसकी शुरुआत आप कम से कम 500 रुपये से कर सकते है , और अधिकतम 1,50,000 रुपये तक निवेश कर सकते है। इस पर अभी सालाना 7.10 फ़ीसदी ब्याज मिलता है. इसमें आप टुकड़ो में या इन्सटॉलमेंट पर भी निवेश कर सकते है। इस श्रेणी में आप सिर्फ एक ही खाता खोल सकते है , यह खाता पोस्ट ऑफिस अथवा बैंक में खोले जा सकते है। इसके अंतर्गत जो भी डिपाजिट होते है वह रकम इनकम टैक्स की धारा 80 C के अंतर्गत कर में छूट के योग्य है।
PPF में जमा किए गए धन पर भी आपको कटौती का लाभ मिलता है। इस खाते मे आप रु 1,50,000 तक वार्षिक जमा करा सकते है, और आयकर की गणना करते समय उपरोक्त रकम को अपनी आय से धारा 80 C के अंतर्गत घटा सकते है। पीपीएफ की मैच्योरिटी का समय 15 वर्ष तक का होता है, जिसे आप 5-5 वर्ष के अन्तराल पर बढा भी सकते है।, यहा आप को मैच्योरिटी पर भी टैक्स मे छूट मिलता है। इस खाते के उपर अपनी जमा की हुई रकम पर आप बैंक से लोन भी ले सकते है।
3- जीवन बीमा प्रीमियम
आप अपने और अपने आश्रितों के लिए भुगतान किए गए जीवन बीमा प्रीमियम पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
4- एचबीए (HBA) ऋण पर ब्याज
आप अपने घर खरीदने के लिए लिए गए HBA ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
5- ट्यूशन फीस
आप अपने बच्चों की शिक्षा के लिए भुगतान किए गए ट्यूशन फीस पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
6- सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
यह योजना बालिकाओं के लिए लाया गया है , आप उनके लिए इसमें बचत करते है और उनके 18 वर्ष के होने के पश्चात आप उनके लिए उपयोग में ले सकते हो । यदि आपकी बेटी की उम्र 10 वर्ष से कम है तो उसके नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना एनएसयूआई में निवेश कर सकते हैं सालाना ब्याज दर 7.6 फ़ीसदी है इस पर भी टैक्स कटौती का लाभ मिलता है.
7- नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
यह योजना आपको दोहरा कर लाभ देता है, इस योजना के अंतर्गत जमा किए हुए रकम पर आप धारा 80 C के अंतर्गत छूट मिलती है , साथ ही साथ आप धारा 80 CCD1B के अंतर्गत भी 50,000 तक की छूट ले सकते है।
8- इक्विटीज लिंक सेविंग स्कीम (ELSS)
ई एल एस एस इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्कीम है इसमें निवेश पर एटीसी के तहत 1.5 लाख तक छूट मिलती है , इसमें लॉक इन पीरियड भी सबसे कम 3 साल है.
9- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
10- टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (TSFD)
टैक्स सेविंग एफडी के जरिए टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है लेकिन यह बहुत अच्छा विकल्प नहीं है क्योंकि इसमें सालाना 5 परसेंट से कब रिटर्न मिलेगा और 5 साल का लॉक इन पीरियड भी है.
धारा 80D के तहत कटौती का लाभ उठाएं
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती का लाभ उठाएं:आप अपने और अपने आश्रितों के लिए भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
इसके अंतर्गत यदि आप 60 वर्ष से कम आयु के है और अपने लिए , अपने जीवनसाथी के लिए और अपने आश्रित बच्चो के लिए हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी ले रखी है , तो आपको चुकाए गए प्रीमियम पर अधिकतम रुपया 25,000 तक की रकम का कर छूट प्राप्त हो सकता है ।साथ ही अगर आपके माता - पिता की उम्र 60 वर्ष से अधिक है और आप उनके लिए भी "Health Insurance" ले रखे है और उसका "Premium" चूका रहे है , तब उनके लिए भी चुकाए गए "Premium" पर भी आपको अधिकतम रूपया 25,000 तक का छूट प्राप्त हो सकता है , इस तरह आप 25+25=50,000 तक का छूट प्राप्त कर सकते है ।
यदि करदाता सीनियर सिटीजन है, तो यह छूट अधिकतम 50,000 हो जायेगी, अर्थार्थ आप यदि सीनियर सिटीजन है तो आप इस सेक्शन से अधिकतम रु 1,00,000 की छुट ले सकते है।
* बिना मेडिक्लेम वाले सीनियर सिटीजन मेडिकल ट्रीटमेंट पर अधिकतम रु 50,000 की छूट क्लेम कर सकते है।
* सीनियर सिटीजन अपने माता-पिता के मेडिकल ट्रीटमेंट पर रु 50,000 की अतिरिक्त छूट ले सकते है।
* प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर रु 5,000 की अतिरिक्त छूट मिलती है।
घर किराया भत्ता (HRA) पर कटौती का लाभ उठाएं:
यदि आप किराए पर रहते हैं, तो आप अपने वेतन से काटे गए HRA पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं। किराए के मकान मे रहने वालो को निम्न मे से जो भी सबसे कम होगा, उस राशि की छूट मिलेगी-
* वास्तविक एच आर ए की रकम
* सैलरी ( बेसिक + डीए ) का 40% ( मुम्बई, चेन्नई, कोलकता और दिल्ली जैसे मेट्रो शहर मे 50%.
* वास्तविक किराया (-) मुल वेतन का 10%
शिक्षा ऋण पर ब्याज पर कटौती का लाभ उठाएं:
यदि आपने खुद की शिक्षा या अपने बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण लिया है, तो आप उस पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
धारा 80G के तहत कटौती का लाभ उठाएं
दान पर कटौती का लाभ उठाएं:
आप 500 रुपये से अधिक के दान पर 100% कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
इन तरीकों के अलावा, आप अन्य कटौतियों और छूटों का भी लाभ उठा सकते हैं जो आपकी विशिष्ट परिस्थितियों पर लागू हो सकती हैं। यह सलाह दी जाती है कि आप कर विशेषज्ञ से सलाह लें ताकि यह पता लगाया जा सके कि आप अपनी कर देनदारी को कैसे कम कर सकते हैं।
यहाँ कुछ अतिरिक्त टिप्पणियां दी गई हैं:
- अपनी सभी आय का हिसाब रखें, जिसमें वेतन, किराया, ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ शामिल हैं।
- समय पर टैक्स रिटर्न दाखिल करें।
- यदि आपको टैक्स रिफंड मिलता है, तो उसे जल्द से जल्द जमा करें।
इन आसान तरीकों का पालन करके, आप भारत में अपनी इनकम टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं और अपनी मेहनत की कमाई का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
आप इनकम टैक्स के धाराओं को निम्न लिंक पर पढ़ सकते है -1- Section 80C in The Income Tax Act, 1961
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