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दिसंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या बचत करना आपकी आदत है ?

खुद से यह सवाल कीजिये - क्या आप आर्थिक रूप से वहाँ पर है जहा आप होना चाहते है ? , क्या आपने अगले महीने से ज्यादा बचत करना तय किया है ? या यह सोचते है कि बचत शुरू करने के लिए आपकी उम्र अभी काम है ? इन सवालो के जवाब बताएँगे की पैसे के बारे में आपका नजरिया क्या है , भविस्य में आपकी फाइनेंसियल पोजीशन क्या होने वाली है , इसी से बचत , निवेश और खर्च भी तय होता है।  सही तरीका हमारे भविस्य को और भी बेहतर बनाएगा , लेकिन गलत तरीका हमें आर्थिक संवृद्धि के रास्ते से दूर ले जा सकता है। और कर्ज के भयानक जाल में भी फंसा सकता है।  इसलिए पैसो के बारे में ये निम्न बाते  अपने आप से कहना बंद कर दीजिये -  कठिन परिश्रम करता हूँ इसलिए पैसे खर्च करने का हक है। -  कुछ बाते स्पष्ट कर लीजिये , पैसे से आप जिंदगी का आनंद उठा सकते है , लेकिन कठिन परिश्रम से कमाए हुए इन पैसो को जिंदगी के आनंद के नाम पर फिजूलखर्च करना कही से भी बुद्धिमानि नहीं कहा जा सकता है। आर्थिक भविष्य सुरक्षित करने और लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपको पैसे खर्च करने का हक है , लेकिन कमाई से ज्यादा खर्च करने का नहीं।  कठिन परिश्रम

होम लोन

होम लोन प्रीपेमेन्ट पर नहीं लगेगा कोई शुल्क - सभी प्रोसेस से गुजरने के बाद आपका लोन मंजूर हो जाता है | जिससे घर खरीद रहे हैं, उसे बैंक भुगतान कर देता है| इसके बाद आपको घर में रहने की अनुमति मिल जाती है| यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि घर की रजिस्ट्री तो आपके नाम होती है , लेकिन घर का असली मालिक लोन खत्म होने तक बैंक ही रहता है | यही कारण है कि घर की रजिस्ट्री, पजेशन , एनओसी समेत सभी मूल दस्तावेजों की फाइल बैंक के अधीन रखना पड़ता है | लोन राशि खत्म होने पर आपको "नोड्यूज " का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है | इसके बाद मूल दस्तावेज की फाइल आप को सौंप दी जाती है | हर फाइनेंस कंपनी की यही प्रक्रिया होती है | यह भी ध्यान में रखें कि किसी भी महीने किस्त चुकने ना पाए | ज्यादा किस्तें चुकाने पर बैंक आप पर जुर्माना कर सकता है , एक सीमा के बाद आपको घर से बेदखल भी किया जा सकता है | इस बार हम आपको प्रीपेमेंट, पुराने घर पर लोन तथा नो ईएमआई के बारे में बताएंगे| पुराने घर पर लोन -  कोई भी बैंक या फाइनेंसर कंपनी 25 से 30 वर्ष से अधिक पुराने घर पर लोन देने से परहेज करती है | यदि लोन दे भी

लोन लेकर वाहन खरीदना

कुछ लोग नगद में पूरा भुगतान करके तो कुछ लोग लोन लेकर वाहन खरीदते हैं | लोन देने के लिए कई एजेंसियां , कंपनिया, प्राइवेट संस्थाएं उपलब्ध है | इन सभी का इंटरेस्ट रेट अलग-अलग होता है |प्राइवेट संस्थाएं ज्यादा ब्याज वसूलते हैं | आपने लोन की राशि से वाहन लिया है, इसकी जानकारी आरटीओ में दर्ज रहती है | नियम के अनुसार जब तक आपके वाहन पर लोन की राशि बाकी रहती है , आपके अलावा आपका फाइनेंसर भी आपके वाहन का बराबरी का मालिक माना जाता है | यही कारण है कि कुछ किस्ते चूकने पर फाइनेंसर नियमों का हवाला देकर आपका वाहन जब्त कर लेता है | इसके बाद बकाया किस्त जमा करने पर वाहन लौटा देता है | यही बात सरकारी बैंक से लोन लेने पर भी लागू होती है | किस्ते बकाया रहने पर बैंक भी वाहन जब्त कर लेते हैं | जब आप लोन की राशि चुका देते हैं तो लोन देने वाली संस्था से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना कभी ना भूले | इस सर्टिफिकेट को आरटीओ में जमा कराकर रजिस्टरेसन बुक से लोन खत्म होने की जानकारी दर्ज कराना जरूरी होता है नोड्यूज की एक कॉपी अपने पास जरूर रखें यह काफी आपको अपना पक्ष रखने के काम आएगी लोन खत्म होने तक एक तरह से आपका व

जी एस टी रिटर्न के बारे में कुछ जानकारिया एवं उनको भरने की विधि

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद नंबर आता है इसके रिटर्न को भरने का। साल भर के दौरान कई तरह के Return Forms से आपका सामना होता है। लेकिन, ऐसा जरूरी नहीं है कि सारे Form आपको भरने हैं। कुछ फॉर्म सामान्य GST Registered Taxpayers के लिए हैं, तो कुछ विशेष कैटेगरी वाले Taxpayers के लिए।  GST Return भरने से पहले आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आपको कौन-कौन से forms भरना चाहिए। GST पर जानकारियों की इस कड़ी में हम आपका परिचय जीएसटी रिटर्न फार्म से करा रहे हैं। हम जानेंगे कि जीएसटी रिटर्न फार्म क्या हैं और किस तरह के कारोबारी को किस तरह का Return Form भरना है।  जीएसटी रिटर्न फार्म क्या हैं? किसी महीने के दौरान आपके Business के एक-एक सौदे का हिसाब इसमें दर्ज होता है। जीएसटी रिटर्न नीचे लिखी चीजों का ब्यौरा देने के लिए होता है।    महीने भर में कौन-कौन सा माल, कितना, कब और कितने में बेचा है?   कौन-कौन सा माल, कितना, कब और कितने में खरीदा है?     ग्राहक से कितना GST इकट्ठा करके आपने सरकार को दिया है?     अपनी खरीदारियों पर कितना GST टैक्स आपने खुद चुकाया है?     दोनों का

जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट

जी एस टी  इनपुट टैक्स क्रेडिट के नए नियम आ गए है , जैसा की हम सब जानते है की जी एस टी  के अंतर्गत हमें सिर्फ मॉल पर जोड़े गए मूल्य पर ही टैक्स देना होता है , इसके अंतर्गत हमें जी एस टी -3 बी में खुद के मूल्यांकन के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है, परन्तु अब नए नियम के अनुसार प्रत्येक करदाता के इनपुट कर क्रेडिट की गड़ना उनके आपूर्तिकर्ता के द्वारा अपलोड और करदाता के द्वारा लॉक किये गए चालान या बिल  के आधार पर होगी।  नए जी एस टी  रिटर्न के अंतर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट के नए नियम - नए जी एस टी  रिटर्न के अंतर्गत अब मॉल की खरीदी करने वाला अब मॉल की बिक्री करने वाले के ऊपर डिपेंड हो गया है नए नियम के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट केवल आपूर्तिकर्ता के द्वारा अपलोड किये गए और क्रेता  द्वारा लॉक किये गए चालान या इनवॉयस ही इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे के लिए एक वैध दस्तावेज माना जायेगा।  आपूर्तिकर्ताओं को अगले महीने की 20 तारीख तक एक महीने के दौरान की गई आपूर्ति पर कर देयता का भुगतान करना होगा। आपूर्तिकर्ताओं को जीएसटी पोर्टल पर अपनी आपूर्ति के लिए लगातार चालान अपलोड करने की सुविधा भी होगी

जी एस टी इनपुट टैक्स क्रेडिट के नए नियम

जी एस टी  इनपुट टैक्स क्रेडिट के नए नियम आ गए है , जैसा की हम सब जानते है की जी एस टी  के अंतर्गत हमें सिर्फ मॉल पर जोड़े गए मूल्य पर ही टैक्स देना होता है , इसके अंतर्गत हमें जी एस टी -3 बी में खुद के मूल्यांकन के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है, परन्तु अब नए नियम के अनुसार प्रत्येक करदाता के इनपुट कर क्रेडिट की गड़ना उनके आपूर्तिकर्ता के द्वारा अपलोड और करदाता के द्वारा लॉक किये गए चालान या बिल  के आधार पर होगी।  1 जनवरी 2022 से जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय किसी भी त्रुटि की कोई गुंजाइश नहीं है। यदि पिछली अवधि का GSTR 3B दाखिल नहीं किया गया है, तो GSTR 1 दाखिल नहीं किया जा सकता है। GSTR 1 में घोषित टैक्स देनदारी का भुगतान GSTR 3B में किया जाना चाहिए। GSTR 1 और GSTR 3B की टैक्स देनदारी के बीच के अंतर को सेल्फ असेस्ड टैक्स माना जाता है। जीएसटी अधिकारी को कर की वसूली के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यक हो तो ऐसी राशि सीधे बैंक खाते को संलग्न करके एकत्र की जा सकती है। GSTR 2B के अनुसार ITC (जो आपके कर भुगतान को नकद में कम करने का विकल्प है) है। यदि आपका आपूर्तिक

जी.एस.टी. का वार्षिक रिटर्न ( Annual Return )

जी.एस.टी. के अंतर्गत जो व्यापारी रजिस्टरड है उनको अपने मासिक रिटर्न के साथ ही पुरे वर्ष में एक बार वार्षिक रिटर्न भी दाखिल करना पड़ता है। उपरोक्त रजिस्टरड व्यापारी के अंतर्गत वो व्यापारी भी शामिल है जो कम्पोज़िट स्कीम के अंतर्गत आते है। उपरोक्त वार्षिक रिटर्न के लिए जो फार्म हम भरते है उसे हम GSTR -9 फार्म कहते है 1. GSTR -9 फार्म क्या है ?- GSTR -9 फार्म के अंतर्गत हम पुरे साल का कुल बिक्री और खरीद का विवरण देते है , तथा यह विवरण हमारे द्वारा दाखिल हुए CGST , SGST, IGST के विवरण से मिलता हुआ होना चाहिए। संछेप  में हम यह कह सकते है की पुरे वर्ष भर में हमने जो भी मासिक रिटर्न दाखिल किया उसका सारांश यह विवरण है।  2. GSTR -9 फार्म कौन दाखिल कर सकता है -   वे सभी व्यापारी जो जी.एस.टी. के अंतर्गत रजिस्टरड है , उन्हें GSTR -9 फार्म दाखिल करना अनिवार्य है , सिर्फ निम्नलिखित व्यापारी को ही इसको दाखिल करने से छूट दी गई है -     कैजुअल कर योग्य व्यक्ति    (Casual Taxable Person )     अनिवासी कर योग्य व्यक्ति   (Non-resident taxable persons)     इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर    (In