PF क्या होता है ? (What is PF)

PF का अर्थ , लाभ , प्रकार और रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया

आज के लेख में हम जानेंगे कि PF क्या होता है ? और जानेंगे PF का अर्थ , लाभ , प्रकार और  रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे। 

PF का अर्थ और PF का इतिहास

PF का FULL FORM है - PROVIDENT FUND, इसे हिन्दी में भविष्य निधि कहते है , यह उस फंड को कहा जाता है जो भारत में भविष्य निधि संबंधी शासी अधिनियम “ कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 “ के अंतर्गत खुलने वाले भविष्य निधि खाते में कर्मचारी और नियोक्ता के द्वारा संयुक्त रूप से जमा किया गया हो।
यह अधिनियम औद्योगिक कामगारों के उनकी सेवानिवृत्ति पश्चात भविष्‍य के लिए और मृत्यु हो जाने की दशा में उनके आश्रितों के लिए व्यवस्था करने के लिए कुछ प्रावधान बनाने के मुख्‍य उद्देश्‍य से बनाया गया था। यह अधिनियम जम्‍मू और कश्‍मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू होता है।
यह कानून 23 फरवरी 1952 को जम्मू और कश्मीर को छोड़ कर पुरे भारत में लागू किया गया था। इस अधिनियम के अनुसूची - 1 में उन प्रतिष्ठानों की सूची दी हुई है जिसके ऊपर यह एक्ट लागू होता है , सामान्यतः यह उन समस्त प्रतिष्ठान के लिए लागू होता है जिसमे 20 या 20 से अधिक कर्मचारी काम करते है। इस अधिनियम के अंतर्गत कर्मचारियों , उनके आश्रितों के लिए बचत , पेंशन , बीमा, सेवानिवृति के पश्चात लाभ की व्यवस्था की गयी है।

PF कितने प्रकार का होता है ?

हम PF को तीन भागो में बांट  सकते है -

एम्प्लॉई प्रोविडेंट फण्ड ( EPF)

“ कर्मचारी भविष्य निधि सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए बचत का एक प्रमुख साधन है। इसकी शुरुआत 15 नवंबर, 1951 को कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के आने के पश्चात हुई थी। इसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 पारित किया गया जो अब कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के नाम से जाना जाता है। यह अधिनियम जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों में लागू है। कर्मचारी भविष्य निधि विधेयक वर्ष 1952 में संसद में पेश किया गया था। यह उस वर्ष का 15वाँ विधेयक था जो संसद में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य कारखानों एवं अन्य संगठनों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि संस्था की स्थापना करना था। 1952 में इस अधिनियम के लागू होने के बाद से अब तक इसमें 15 बार संशोधन किया जा चुका है। “

भविष्य निधि खाते में कर्मचारी का अंशदान उसके संस्था में शामिल होने के बाद शुरू हो जाता है। यह अंशदान नियमित तौर पर किया जाता है। कर्मचारी अपने मासिक वेतन का एक छोटा हिस्सा भविष्य निधि के रूप में बचाता है ताकि सेवानिवृत्त होने के पश्चात या जब वह काम करने में सक्षम न हो, तब वह इस बचत राशि का उपयोग कर सके।

नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों के द्वारा वेतन का 12 प्रतिशत भविष्य निधि में जमा किया जाता है। इसके अतिरिक्त नियोक्ता को कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत लाभों के प्रबंधन हेतु भी अंशदान करना होता है।

नियोक्ता एवं कर्मचारी द्वारा अंशदान



विशेष श्रेणी के अंतर्गत निर्धारित संस्थाओं के लिए भविष्य निधि में अंशदान करने की सीमा 10 प्रतिशत है, ये संस्थाएं निम्नलिखित हैं : -

  • ऐसी संस्था जिसमें 20 से कम कर्मचारी कार्यरत हों
  • ऐसी औद्योगिक कंपनी जिसे औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर घोषित कर दिया गया हो।
  • ऐसी संस्था जिसका किसी वित्तीय वर्ष के अंत में कुल घाटा उस संस्था के कुल लागत के बराबर या उससे ज्यादा हो।
  • जूट, बीड़ी, ईंट, काथी एवं ग्वार गम उद्योग से जुड़ी संस्था।

कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ

कर्मचारी भविष्य निधि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निवेश है। इस पर दिया जाने वाला ब्याज कर मुक्त होता है एवं इसके परिपक्वता संबंधी लाभ भविष्य में आर्थिक रूप से काफी सहायक सिद्ध होते हैं। अगर लम्बे समय तक भविष्य निधि के रूप में धन की बचत की जाए तो यह कर्मचारी के लिए भविष्य में एवं सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होता है।
आपातकालीन स्थिति में हमें अक्सर धन की कमी महसूस होती है एवं उस समय हमारे पास लोगों से उधार मांगने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी भविष्य निधि हमारे लिए सहायक सिद्ध होता है क्योंकि जिस तरह का लाभ हमें इसमें प्राप्त होता है, वैसा लाभ किसी और निवेश से प्राप्त नहीं होता है। भविष्य निधि का उपयोग समय-समय पर विभिन्न जरूरतों के लिए किया जा सकता है। इसमें मिलने वाले लाभ निम्नलिखित हैं :

  • सेवानिवृत्ति, नौकरी छोड़ने एवं मृत्यु होने की स्थिति में कुल संचित राशि एवं उसका ब्याज दिया जाता है।
  • कुछ विशेष खर्चों, जैसे - गृह निर्माण, उच्च शिक्षा, शादी, बीमारी इत्यादि के लिए आप इसमें से आंशिक रूप से पैसे निकाल सकते हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम के अंतर्गत आने वाली किसी भी संस्था में कर्मचारी के रूप में जुड़ने के पश्चात यह आवश्यक है कि वह अपने नियोक्ता को एक घोषणापत्र दे जिसमें इस बात की जानकारी दी गई हो कि वह पहले से भविष्य निधि का सदस्य है या नहीं,

ऐसा करना इसलिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो जाए कि कर्मचारी सेवा में निरन्तर बना रहेगा एवं उसे इससे मिलने वाले लाभ भी प्राप्त होते रहेंगें।
अगर कोई कर्मचारी पहले से भविष्य निधि का सदस्य है तो उसे भी भरना होगा ताकि उसके पुराने खाते का विवरण एवं उसमें उपलब्ध शेष राशि को नए खाते में स्थानांतरित किया जा सके।

PF में REGISTRATION कैसे कराये

कर्मचारी भविष्य निधि में रजिस्ट्रेशन के लिए दो प्रोसेस है , नियोक्ता के लिए अलग , और कर्मचारी के लिए अलग । पहले हम देखते है की नियोक्ता के लिए पी ऍफ़ में रजिस्ट्रेशन का क्या प्रोसेस है ।

नियोक्ता पी ऍफ़ में रजिस्ट्रेशन कैसे कराये ( PF REGISTRION FOR EMPLOYER)

दिनांक 08.10.2020 से नए प्राइवेट लिमिटेड कंपनी , पब्लिक लिमिटेड कंपनी , और एकल व्यक्ति कंपनी का रजिस्ट्रेशन – www.mca.gov.in की साइट पर होने लगा है , आजकल कंपनी के रजिस्ट्रेशन के साथ ही आपसे पी ऍफ़ और ESI के रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी डाटा मांग लिया जाता है और आपको रजिस्ट्रेशन नंबर का अलॉटमेंट कर दिया जाता है , फिर जब आप इसके दायरे में आये तब आप इसको Activate करा कर , इसका लाभ उठा सकते है ।

अब बात करते है – Proprietorship और अन्य व्यवसाय के रजिस्ट्रेशन की , इनका रजिस्ट्रेशन के लिए भारत सरकार ने श्रम सुविधा पोर्टल को अधिकृत किया है , आप अपना रजिस्ट्रेशन- https://registration.shramsuvidha.gov.in/ पर जाकर कर सकते है , रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया आप मेरे अगले लेख में देख सकते है ।

PF REGISTRATION के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • PAN CARD
  • AADHAR CARD

  • UDHYAM REGISTRATION CERTIFICATE

  • GST REGISTRATION CERTIFICATE

  • OWNER'S SIGNATURE IN JPEG IMAGE

  • CANCELED CHEQUE COPY / BANK PASSBOOK / BANK STATEMENT

  • IF RENTAL THEN RENT DEED/ AGREEMENT

  • E-MAIL AND MOBILE ADDRESS

  • COMPANY ELECTRICITY BILL

  • NUMBER OF EMPLOYEE AND TOTAL SALARY DATA

  • DSC - type-3

पी ऍफ़ की एकाउंटिंग के लिए आप यदि टैली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे है तो आप उसकी एकाउंटिंग/ पे रोल प्रोसेस का पूरा विवरण पढ़ सकते है –

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