BRC क्या होता है ? ( What is BRC)

BRC का पूरा नाम बैंक रियलाईजेसन सर्टिफिकेट ( Bank Realisation Certificate) है ,हमारे देश में विदेश से जो पैसा आता है , उसे प्राप्त करने वाले को बैंक को बताना पड़ता है की यह पैसा उसके किस कार्य के लिए प्राप्त हुआ है , और यदि व्यापार के अंतर्गत वो पैसा प्राप्त हुआ है तब तो यह और भी जरुरी हो जाता है। 

हम यहाँ मॉल के बिक्री से प्राप्त पैसा के बारे में चर्चा करेंगे , यदि किसी व्यापारी को किसी माल के बिक्री ( एक्सपोर्ट ) के कारण कोई पैसा विदेश से प्राप्त होता है , तो उसे वो पैसा किस एक्सपोर्ट के बदले प्राप्त हुआ है , यह बात अपने बैंक को बताना होता है , साथ की इसका विवरण भी बैंक को देना होता है , और बैंक उस विवरण का मिलान EDPMS ( Export Data Processing and Monitoring System) से मिलान करके BRC इशू कर देगा। 

आज कल सरकार अपने देश के निर्यातक को कई प्रकार के प्रोत्साहन व् वित्तीय सहायता प्रदान करती है , उन सहायता को प्राप्त करने के लिए BRC एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।  BRC निर्यात के बदले भुगतान प्राप्ति का प्रमाण पत्र है। 

BRC

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E-BRC क्या होता है ?

E-BRC का फुल फॉर्म है - Electronic Bank Realisation Certificate., E-BRC आधुनिक परिवेश में इंटरनेट से BRC प्राप्त करने का उपक्रम है , E-BRC को DGFT के द्वारा वर्ष 2012 में शुरू किया गया , DGFT अर्थार्थ Directorate General of Foreign Trade. वर्ष 2012 से पहले व्यापारी को बैंक में BRC प्राप्त करने के लिए आवेदन करना पड़ता था।  बैंक BRC का एक अस्थाई प्रमाणपत्र व्यापारी को प्रदान करते थे , फिर व्यापारी उस प्रमाण पत्र के साथ जरुरी दस्तावे संगलन करके विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) क्षेत्रीय प्राधिकरण को देना पड़ता था। 
और स्थाई BRC निर्गत कर दिया जाता था , यह प्रक्रिया जटिल था और समय लेने वाला था। 
इसलिए E-BRC की प्रक्रिया को जारी किया गया , जिससे समय की बचत हुई और प्रक्रिया काफी आसान भी हो गया। 

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