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सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Income Tax Section 194 C (धारा 194सी की सम्पूर्ण  जानकारी हिंदी में)

 भारत में, आयकर अधिनियम विभिन्न भुगतानों पर स्रोत पर कटौती (टीडीएस) का mandate देता है। Income Tax Section 194 C विशेष रूप से ठेकेदारों और सब-ठेकेदारों को किए गए भुगतानों पर लागू टीडीएस से संबंधित है। यह ब्लॉग व्यवसायों और ऐसे भुगतान करने वाले व्यक्तियों के लिए धारा 194C के प्रावधानों को समझने का एक प्रयास है। धारा 194C के तहत किसे टीडीएस कटौती करनी चाहिए? धारा 194C के तहत टीडीएस कटौती की सीमा क्या है? धारा 194C के तहत टीडीएस कटौती की दर क्या है? क्या धारा 194C के तहत टीडीएस से कोई छूट है? क्या होगा अगर ठेकेदार के पास पैन कार्ड नहीं है? याद रखें: धारा 194Q के अंतर्गत आने वाली सेवाएं - धारा 194C के तहत किसे टीडीएस कटौती करनी चाहिए? Income Tax Act 1961 के Income Tax Section 194 C के अनुसार, कोई भी व्यक्ति (भुगतानकर्ता) जो ठेकेदारों या उप-ठेकेदारों को निर्दिष्ट कार्य के लिए भुगतान करता है, वह भुगतान सीमा ( Threshold Limit) पार हो जाने पर टीडीएस काटने के लिए जिम्मेदार होता है। यह व्यवसायों, संगठनों और यहां तक कि व्यक्तियों पर भी लागू होता है। धारा 194C के तहत निम्न को टीडीए

फिनटेक कंपनी किसे कह्ते है ( FINTECH COMPANY)

आज के दौर मे मोबाइल के द्वारा हम विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकते है, तमाम तरह के बिल भुगतान से लेकर कर्ज की सुविधा तक। ये सारी सुविधाए हमे दिलाती है - फिनटेक कम्पनी फिनटेक यानी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी। ये ऐसी कंपनियां हैं जो पारंपरिक वित्तीय सेवाओं में तकनीक अर्थार्थ इन्टरनेट , मोबाइल व अन्य साफ्टवेयर का इस्तेमाल करके उन्हें ज्यादा आसान, तेज़ और किफायती बनाती हैं। फिनटेक कम्पनीयो के उत्पाद और सेवाओ का दायरा दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है , यही कारण है कि आज देश मे 9000 से ज्यादा फिनटेक कम्पनियाँ मौजूद है। उदाहरण के लिए:  * डिजिटल पेमेंट्स: Google Pay, PhonePe  * ऑनलाइन लोन: कई स्टार्टअप्स  * वित्तीय सलाहकार ऐप्स: कई निवेश ऐप्स फिनटेक कंपनी कैसे बनी?  * आइडिया:  एक ऐसा वित्तीय समस्या का हल ढूंढना जिसके लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा सके।  * टीम:  डेवलपर्स, डिजाइनर्स, बिजनेस स्ट्रेटजी एक्सपर्ट्स इकट्ठा करना।  * फंडिंग:  एंजल्स, वेंचर कैपिटलिस्ट्स या खुद का पैसा लगाकर।  * प्रोडक्ट डेवलपमेंट:  आइडिया को एक काम करने वाले प्रोडक्ट में बदलना।  * लॉन्च:  मार्केट में प्रोडक्ट लाना और यूजर्स को आकर्षि

पैसा कैसे कमाए ( How to Earn money)

पैसा जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें अपनी जरूरतों और चाहतों को पूरा करने में मदद करता है। चाहे वह खाने-पीने की चीजें खरीदना हो, घर का किराया देना हो, या फिर अपनी शिक्षा पूरी करना हो, पैसे की जरूरत हर किसी को होती है। अगर आप के पास पैसा है, तो आपके पास सभी रिस्तेदार है, सारे रिश्ते आज के समय मे धन के तराजु पर तौलने के बाद मजबूत या कमज़ोर होते है। आपने मेरे पिछले लेख-  हम आर्थिक रूप से स्वतंत्र कैसे हो (Financial Freedom)  मे पढा कि पैसे को कैसे इस्तेमाल करे,  जिससे हम न सिर्फ अमीर बने व आर्थिक स्वतंत्रा भी हासिल करे। हमे हमारा उद्देश्य पता होना चाहिए कि हम जो भी अर्जित कर रहे है, क्या वह हमारे उद्देश्य को पूर्ण करने मे सक्षम है?, इसलिए हम सबसे पहले अपने पैसे कमाने के उद्देश्य का पता करते है- पैसा क्यों कमाना चाहिए?  * आत्मनिर्भरता:  पैसे कमाने से आप आत्मनिर्भर बनते हैं और दूसरों पर निर्भर नहीं रहते। आप अपनी आवस्यकताओ की पूर्ती करते हुए आजादी से रह सकते है।  * सुरक्षा:  पैसे से आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं। अपने घर पर सीसी टीवी कैमरे लगा सकते है, सुरक्षा गार्ड र

एकाउंटेंट कैसे बने ( Accountant kaise bane)

एकाउंटेंट बनने के लिए आपको कुछ खास योग्यताएं और कौशल हासिल करने होंगे। यहां एक विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है: 1. एकाउंटेंट के लिए शिक्षा -  * 12वीं कक्षा: कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी है। हालांकि, अन्य स्ट्रीम से भी आप अकाउंटेंट बन सकते हैं लेकिन आपको कुछ अतिरिक्त कोर्स करने पड़ सकते हैं।  * स्नातक की डिग्री: कॉमर्स, अकाउंटेंसी, या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री होना बेहतर होता है। यह आपको अकाउंटिंग के बुनियादी सिद्धांतों और अवधारणाओं को समझने में मदद करेगा। वैसे देखा जाए तो एकाउंटिंग का कार्य अब एक कौशल के रूप मे देखा जाता है, आप के पास डीग्री के साथ कार्य का अनुभव भी होना नितांत आवश्यक है,  यह एक निरन्तर सिखने की प्रकिया है, जो कभी पूर्ण नही होती।  एकाउंटेंट की कार्य प्रणाली जानने के लिए क्लिक कीजिए- अकाउंटेंट और एकाउंटेंसी एकाउंटेंट का कार्य अब काफी विस्तृत हो चुका है, इसलिए समय की मांग के अनुसार अब इसके लिए कई प्रोफेशनल कोर्स भी किये जाते है।  इसके लिए जो प्रमुख प्रोफेशनल कोर्स है वो निम्न है-  एक एकाउंटेंट के लिए प्रोफेशनल कोर्स:    * चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)

आयकर सर्वेक्षण के दौरान सरेंडर की गई आय ( Income Tax on surrender value)

आयकर अधिनियम के अंतर्गत हमे किसी एक्ट को समझने के लिए उस एक्ट मे कही हुई बातो का शाब्दिक अर्थ समझना जरुरी है। यहाॅ, लिखे गए सर्वेक्षण शब्द से आम पब्लिक इसके दो अर्थ निकालते है- सर्वेक्षण और रेड। वास्तव मे यह दो अलग-अलग शब्द है , और आयकर अधिनियम मे भी इसका अर्थ और नियम अलग अलग है। पहले इनको एक-एक कर के समझते है, जिससे इसके लिए बनाए गए सभी नियमो को समझना आसान हो जायेगा- 1> सर्वेक्षण (Survey) यह आयकर अधिनियम 134A के अंतर्गत आता है, सर्वेक्षण केवल आपके व्यवसायिक स्थल या पेशे के स्थान पर ही हो सकता है , यह आपके आवासीय स्थान पर तब तक नही हो सकता जब तक यह साबित न हो जाए कि आपका व्यवसायिक दस्तावेज आपके आवासीय स्थान पर भी रखे जाते है।  सर्वेक्षण केवल कार्य दिवस पर और कार्य के घण्टो पर ही शुरु हो सकता है,  हाॅ,  इसके समाप्त होने की कोई समय निर्धारित नही किया गया है।  सर्वेक्षण के पश्चात या दौरान आयकर अधिकारी को जब्त करने (Seize) का कोई अधिकार नही होता है। इस दौरान किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत तलाशी नही ली जा सकती है। और साथ ही आयकर अधिकारी पुलिस की सहायता नही ले सकता है। 2- खोज और जब्ती (छापे

PF क्या होता है ? (What is PF)

 PF का अर्थ , लाभ , प्रकार और रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया आज के लेख में हम जानेंगे कि PF क्या होता है ? और जानेंगे PF का अर्थ , लाभ , प्रकार और  रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे।  PF का अर्थ और PF का इतिहास PF का FULL FORM है - PROVIDENT FUND, इसे हिन्दी में भविष्य निधि कहते है , यह उस फंड को कहा जाता है जो भारत में भविष्य निधि संबंधी शासी अधिनियम “ कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 “ के अंतर्गत खुलने वाले भविष्य निधि खाते में कर्मचारी और नियोक्ता के द्वारा संयुक्त रूप से जमा किया गया हो। यह अधिनियम औद्योगिक कामगारों के उनकी सेवानिवृत्ति पश्चात भविष्‍य के लिए और मृत्यु हो जाने की दशा में उनके आश्रितों के लिए व्यवस्था करने के लिए कुछ प्रावधान बनाने के मुख्‍य उद्देश्‍य से बनाया गया था। यह अधिनियम जम्‍मू और कश्‍मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू होता है। यह कानून 23 फरवरी 1952 को जम्मू और कश्मीर को छोड़ कर पुरे भारत में लागू किया गया था। इस अधिनियम के अनुसूची - 1 में उन प्रतिष्ठानों की सूची दी हुई है जिसके ऊपर यह एक्ट लागू होता है , सामान्यतः यह उन समस्त प्र

जॉब वर्क क्या होता है और जीएसटी में इसके क्या नियम है ? ( Job Work in GST )

  आज हम चर्चा करने जा रहे है की जॉब वर्क क्या होता है (WHAT IS JOB WORK) और जी एस टी में इससे संबंधित क्या नियम है ,( JOB WORK RULES UNDER GST) और कौन सी धाराऐं है , इस सम्बन्ध में इंटरनेट पर काफी कम जानकारी उपलब्ध है , इसलिए यहाँ आप उसके सम्पूर्ण नियम और अर्थ का अध्ययन कर सकते है। जॉब वर्क क्या होता है ? (What is a Job Work) यदि कोई व्यापारी या व्यक्ति अपने स्वामित्व का कोई वस्तु किसी दूसरे व्यक्ति या व्यापारी को देकर उस वस्तु का कोई मॉडिफिकेशन ( संशोधन ), या ऐसा कोई कार्य करवाता है जिससे उस वस्तु को पूर्णता प्रदान हो सके , तब उस व्यक्ति के द्वारा किया गया यह कार्य जॉब वर्क कहा जाएगा , और जिस व्यक्ति ने यह कार्य किया है वह जॉब वर्कर कहा जाता है। वह वस्तु जिसके स्वामित्व में है वह व्यक्ति प्रधान प्रमुख कहा जाता है। जॉब वर्क की आवश्यकता क्यों है ? आज का दौर में सफल होने के लिए किसी भी विषय या उत्पाद में पूर्ण दक्ष होना जरूरी है , और हर व्यक्ति प्र्तेक कार्य में पूर्ण दक्ष नहीं हो सकता है , और कुछ उत्पाद ऐसे होते है जिसमे कई प्रकार की कार्य कुशलता एवं दक्षता की जरुरत होती है , इसलिए उस

अनलिस्टेड शेयर कैसे खरीदे ( How to buy unlisted share)

 अनलिस्टेड शेयर खरीदना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है और इसमें कुछ जोखिम भी शामिल होते हैं। ये शेयर किसी भी शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं होते हैं, इसलिए इनकी खरीद-बिक्री सीधे कंपनी या किसी ब्रोकर के माध्यम से की जाती है। अनलिस्टेड शेयर क्यों खरीदें?  * आईपीओ से पहले निवेश:  कई निवेशक आईपीओ से पहले कंपनी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाना चाहते हैं।  * कंपनी के विकास में भागीदारी:  आप कंपनी के शुरुआती चरण में निवेश करके उसके विकास में भागीदार बन सकते हैं। अनलिस्टेड शेयर खरीदने के तरीके:  * ब्रोकर के माध्यम से:  कई ब्रोकर अनलिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री में मदद करते हैं। वे आपको विभिन्न कंपनियों के अनलिस्टेड शेयरों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।  * सीधे कंपनी से:  आप सीधे कंपनी से संपर्क करके भी अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है।  * ऑनलाइन प्लेटफॉर्म:  कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी अनलिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री की सुविधा प्रदान करते हैं। अनलिस्टेड शेयर खरीदने के जोखिम:  * तरलता का अभाव:  अनलिस्टेड शेयरों को बेचना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इनकी त

फ्रीलांसर कैसे बने? ( How to gets Freelancing work)

 फ्रीलांसर कैसे बने? पूरी जानकारी फ्रीलांसर बनना आजकल एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। आप अपनी पसंद के काम को स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं और अपनी शर्तों पर काम कर सकते हैं। फ्रीलांसर बनने के लिए ये कदम उठा सकते हैं:  * अपनी विशेषज्ञता चुनें:  सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप किस काम में अच्छे हैं। यह कोई भी चीज़ हो सकती है जैसे कि लेखन, ग्राफिक डिज़ाइन, वेबसाइट डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, या कोई और कौशल।  * अपना पोर्टफोलियो बनाएं:  अपने काम के नमूने दिखाने के लिए एक पोर्टफोलियो बनाएं। यह आपके संभावित ग्राहकों को आपके काम की गुणवत्ता दिखाने में मदद करेगा।  * ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करें:   Upwork, Fiverr, Freelancer जैसी वेबसाइटों पर अपना प्रोफाइल बनाएं और अपनी सेवाएं सूचीबद्ध करें।  * अपनी सेवा की दरें तय करें:  अपनी सेवाओं के लिए एक उचित दर तय करें।  * ग्राहकों से संपर्क करें:  ग्राहकों को खोजने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करें जैसे कि सोशल मीडिया, नेटवर्किंग, और ठंडे ईमेल।  * अपने काम को समय पर पूरा करें:  अपने ग्राहकों को संतुष्ट रखने के लिए अपने काम को समय पर और अच्छी गु

ऑनलाइन सही तरीके से पैसा कैसे कमाए कितने रास्ते हैं कमाने में? ( How to make online Income)

हम जब भी इन्टरनेट पर आमदनी से सम्बंधित कोई भी सर्च करते है, तो हमे तमाम साइट दिखाई देती है, जो हमे बैठे-बैठाये हजारो-लाखो रुपये आमदनी का सब्ज बाग दिखाते है, इस तरह के तमाम दावो के साथ यू-ट्यूब चैनल भरा हुआ है, लेकिन क्या आपको भी लगता है कि यह सब इतना आसान है? क्या यह सब सही है , क्या लोग वाकई मे इतना पैसा कमा रहे है? जी हाॅ, यह सच है कि लोग इससे पैसे कमा रहे है   लेकिन यह सब इतनी आसानी से नही कमा रहे है  , जितना आपको दिखाई पड रहा है।  यहा पर आपको आफ लाइन की अपेक्षाकृत कई गुना ज्यादा मेहनत करना पडेगा,  आफ लाइन की अपेक्षाकृत कही ज्यादा कम्पटीशन के लिए तैयार रहना होगा।  वैसे आन लाइन इनकम को मै दो भागो मे बाँटना चाहुगाॅ- पहला- कैरियर बेस्ड कार्य- ये वो कार्य है जिसको आप अपना कैरियर बनाने के लिए करते हो, जैसे- ब्लॉगिंग करना, यू-ट्यूब विडिओ बनाना।  इन कार्यो मे काफी मेहनत लगता है, और साथ मे सफलता पाने मे काफी समय लगता है। दुसरा- पार्ट टाइम वर्क- इसके अंतर्गत सर्वे कार्य, रेफरल लिंक वर्क जैसे कार्य आते है, आप इन कार्य को जब भी समय मिले कर सकते है, लेकिन इन कार्यो मे आमदनी कम होती है।  वैसे इन

टैली कैसे सीखे (Tally kaise sikhey)

टैली कैसे सीखे ( Tally kaise sikhey ) का अभिप्राय टैली सॉफ्टवेयर पर एकाउंटिंग कैसे करे है। आज के दौर में टैली सॉफ्टवेयर एकाउंटिंग का अभिप्राय बन गया है , उसका कारण है टैली का दोहरी लेखा प्रणाली पर आधारित होना। हम जब स्कुल में या कालेज में एकाउंटिंग सीखते है , तो हमें पढ़ाया जाता है कि लेखा शास्त्र दोहरी लेखा प्रणाली पर आधारित है , और सभी व्यव्हार के दो पहलू होते है , उनमे से एक व्यव्हार को हम डेबिट भाग में लिखते है और दूसरे को क्रेडिट भाग में , और कुछ प्रोसेस के बाद हमारी समस्त अक्कोउटिंग एंर्टी पूर्ण हो जाती है। टैली सॉफ्टवेयर में भी हम इसी सिद्धांत का पालन करते है। और चुकि इन समस्त प्रक्रियाओं को हम स्कूल या कॉलेज में पढ़ चुके होते है , इसलिए टैली पर एकाउंटिंग करना हमें व्याहारिक लगता है। Tally का पूरा नाम है - Tally Solutions Enterprises Resources Planning Company , और यह करीब तीन दशक पुराना एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है , और इन तीन दशकों में अपने आप में सुधार करते हुए अब यह एक ERP Software बन गया है , ERP का मतलब Enterprise Resource Planning है , अर्थार्थ एक व्यापारी को अपने व्यवसाय को करने

पैसे से पैसा कमाने के सबसे अच्छे तरीके क्या हैं? (Earning with Investment)

पैसे से पैसा कमाने के कई तरीके हैं, जो आपके निवेश के लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता और समय क्षितिज पर निर्भर करते हैं। कुछ लोकप्रिय विकल्पों में शामिल हैं:  * शेयर बाजार:  कंपनियों के शेयर खरीदकर दीर्घकालिक रूप से धन बढ़ा सकते हैं। आप कम्पनी के आईपीओ मे पैसा लगा सकते है, अभी वर्तमान के कुछ आईपीओ ने 200% का रिटर्न दिया है।  * म्यूचुअल फंड:  विभिन्न प्रकार के शेयरों, बॉन्ड्स और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करके विविधता ला सकते हैं।  * रियल एस्टेट :  संपत्ति खरीदकर किराए पर देकर या फिर संपत्ति के मूल्य में वृद्धि से लाभ कमा सकते हैं।  * बिजनेस शुरू करना:  अपना खुद का व्यवसाय शुरू करके आय का एक नया स्रोत बना सकते हैं।  * फिक्स्ड डिपॉजिट :  बैंक में निश्चित अवधि के लिए धन जमा करके निश्चित ब्याज दर प्राप्त कर सकते हैं।  * सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड:  सोने में निवेश करके मुद्रास्फीति से बचाव कर सकते हैं। ध्यान दें:  निवेश से जुड़े जोखिम होते हैं और आपको निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप इन सवालों के जवाब दे सकते हैं:  * आपके पास निवेश के लिए कितना पै

आसानी से समझे आयकर अधिनियम की धारा 43बी(एच) को (applicability-Section-43bh-msme-act-2006)

1 अप्रैल 2023 से MSME के लिए लागू इनकम टैक्स के नए प्रावधान (section-43bh ) का वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले विशेष ध्यान रखे, आर्थिक वर्ष 2023-24 के लिए, सरकार ने MSME के लिए आयकर के नए प्रावधान- Section-43bh लागू किए हैं। इन प्रावधानों के अनुसार, माइक्रो (Micro) तथा स्मॉल (Small) यूनिट से की गई खरीदी/ख़र्चे का डिडक्शन (ट्रेडिंग-प्रॉफिट/लॉस अकाउंट में डेबिट) तभी मिलेगा यदि उसका पेमेंट सप्लायर से तय किये गये क्रेडिट पीरियड (15 दिन या अधिकतम – 45 दिन) मे कर दिया जाता है। Section-43bh के अंतर्गत MSME से सम्बंधित खरीदारी Accrued Basis Accounting नहीं है . Section-43bh - नियम अब विस्तार से - >  माइक्रो (Micro) तथा स्मॉल (Small) यूनिट से की गई खरीदी/ख़र्चे का पेमेंट 31 मार्च को बकाया रहने पर बड़ी टैक्स लायबिलिटी आ सकती है। > माइक्रो (Micro) इंटरप्राइज का अभिप्राय ऐसी फ़र्म से है जिसका Plant And Machinery (एसी/ कम्प्यूटर/ कार/ 2 व्हीलर/ मशीनरी/ अन्य बिजनेस संपत्तियां) में निवेश 1 करोड़ से ज्यादा नहीं हो और टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा नहीं हो। > स्मॉल (Small) इंटरप्राइज का अभिप्राय ऐसी

जीवन बीमा (Life Insurance): परिभाषा, प्रकार और लाभ

जीवन बीमा एक अनुबंध है जो बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीच होता है। इस अनुबंध के तहत, बीमाधारक बीमा कंपनी को नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान करता है। बदले में, बीमा कंपनी बीमाधारक की मृत्यु की स्थिति में उसके नॉमिनी को एक निश्चित राशि का भुगतान करती है। जीवन बीमा के प्रकार: 1-  टर्म इंश्योरेंस- यह सबसे बुनियादी प्रकार का जीवन बीमा है। यह एक निश्चित अवधि के लिए कवरेज प्रदान करता है। यदि इस अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है। 2-  एंडोमेंट प्लान- यह जीवन बीमा और बचत योजना का संयोजन है। इस योजना में, बीमाधारक एक निश्चित अवधि के लिए नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान करता है। यदि इस अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है। यदि बीमाधारक पॉलिसी अवधि तक जीवित रहता है, तो उसे परिपक्वता राशि का भुगतान किया जाता है। 3- यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप)- यह एक प्रकार का जीवन बीमा है जो शेयर बाजार से जुड़ा होता है। इस योजना में, बीमाधारक एक निश्चित अवधि के लिए नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कैसे बनती है ? (How to make Private Limited Company)

जब हम व्यापार शुरू करते है तो सबसे पहला प्रश्न हमारे दिमाग में आता है कि व्यापार का स्वरूप क्या होगा , आजकल हम अपनी जरूरत के आधार पर अपने व्यवसाय का स्वरूप चुन सकते , जैसे – > Proprietorship > Partnership firm > L.L.P. > Private Limited Company > Limited Company. यहाँ हम चर्चा करने जा रहे है ,कि एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या होती है , और कैसे बनती है ? प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या होती है ? व्यापारी जब अपने व्यवसाय को कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत रजिस्टर्ड कराता है , और उसके नियमों के अंतर्गत अपने व्यवसाय को चलाना चाहता है, , तब उस व्यवसाय को हम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कहते है , और उस व्यापार के नाम के अंत में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जुड़ जाता है। इसके अंतर्गत हम कंपनी का रजिस्ट्रेशन , कंपनी अधिनियम ,2013 के अंतर्गत कराते है , जिससे हमारे व्यवसाय का हमसे अलग एक नया वैधानिक अस्तित्व बन जाता है , इसका रजिस्ट्रेशन हमें Ministry of Corporate Affaire के दिशानिर्देशों के अंतर्गत The Registrar of Companies के द्वारा कराना पड़ता है। भारत में कंपनी अधिनियम के अंतर्गत रजिस्टर्ड ऐसी क